जन्नत का नाम ही अन्नंत है, लोग तो बहुत कुछ जानना चाहते है, लेकिन आज तक कोई इस जन्नत को नहीं जान पाया है,जितना जानना चहेंगे उतना ही उलझते जायेंगे| लेकिन तब भी इन्सान उस हर पहलू को जानना चाहता है, दुनिया के हर उस मोड़ पे इन्सान चलता है, गिरता है और बार-बार उस चीज को जानना चाहता है लेकिन उसकी इच्छा कभी नहीं मरती| जिस तरह से इस दुनिया की आबादी बढ रही है उसी तरह से इन्सान की इच्च्ये बढती जा रही है| जो शायद कभी न ख़त्म हो.

Saturday, February 6, 2010

मज़बूरी

मजबूर हर कोई होता है
कोई जायदा तो कोई कम रोता है
कोई इसे किस्मत तो कोई इसे नसीहत बना लेता है
टूट जाता है हर कोई इस मज़बूरी से
तो लोग इसे खुदा बना लेता है
गिर के,उठ के जिसने चलना सिखा
वो कभी मजबूर नहीं होता
किस्मत भी उसका साथ देती है
और खुदा भी उसे अपना बना लेता है
जिन्दगी में हारना सिखा नहीं
इसलिए मै कभी मजबूर नहीं होता

1 comment:

  1. आपका दर्द मिटाने का हुनर रखते हैं
    जेब खाली है खजाने का हुनर रखते हैं
    अपनी आंखों में भले, आंसुओं का सागर हो
    मगर जहां को हंसाने का हुनर रखते हैं ।

    हर उम्र में भड.के हुये जज्ž.बात मिलेंगे
    बीमार दिल के लोग, साथ साथ मिलेंगे
    लैला के घर के पास में, मजनूं का प्लॉरट है
    जूली जहां भी होगी, मटुकनाथ मिलेंगे ।

    आजकल तितलियां फूलों से दूर बैठी हैं
    बेटियां बाप से पाले गुरूर बैठी हैं
    न पूछो किसकी यहां कितनी शादियां होंगी
    हमारे घर में एकता कपूर बैठी हैं ।

    होण्डा सिटी लाया तो खटारा समझ लिया
    शादीशुदा हूं मुझको कुंवारा समझ लिया
    मैं अपनी बीवी लेके स्पेान जा रहा था
    लोगों ने बाबू भाई कटारा समझ लिया ।

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