जन्नत का नाम ही अन्नंत है, लोग तो बहुत कुछ जानना चाहते है, लेकिन आज तक कोई इस जन्नत को नहीं जान पाया है,जितना जानना चहेंगे उतना ही उलझते जायेंगे| लेकिन तब भी इन्सान उस हर पहलू को जानना चाहता है, दुनिया के हर उस मोड़ पे इन्सान चलता है, गिरता है और बार-बार उस चीज को जानना चाहता है लेकिन उसकी इच्छा कभी नहीं मरती| जिस तरह से इस दुनिया की आबादी बढ रही है उसी तरह से इन्सान की इच्च्ये बढती जा रही है| जो शायद कभी न ख़त्म हो.

Friday, February 5, 2010

जन्नत
जन्नत का नाम ही अन्नंत है, लोग तो बहुत कुछ जानना चाहते है, लेकिन आज तक कोई इस जन्नत को नहीं जान पाया है,जितना जानना चहेंगे उतना ही
उलझते जायेंगे| लेकिन तब भी इन्सान उस हर पहलू को जानना चाहता है,दुनिया के हर उस मोड़ पे इन्सान चलता है, गिरता है और बार-बार उस चीज को जानना चाहता है लेकिन उसकी इच्छा कभी नहीं मरती| जिस तरह से इस दुनिया की आबादी बढ रही है उसी तरह से इन्सान की इच्च्ये बढती जा रही है| जो शायद कभी न ख़त्म हो.

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